STORYMIRROR

ख़ामोशी एक दिल की ज़ुबा है। जो समझ सकता कोई इस ख़ामोशी को तोह आज दिल न रोता यु याद कर उन लमहों को। कोई अनकही सिहरन हो हो सकता है तुम एक किरण हो इस कविता को काले चश्मे को वर्णित किया है इस कविता में इश्कमजाजी से इश्कहकीकी को जोड़ने की चेष्टा की गयी है #होठ है सिले हुए न कोई है गुफ्तगू तू जो दूर है नहीं कोई जुस्तजू को हर एक पेड़ लगाना है

Hindi एक दिल की ज़ुबा है।जो समझ सकता कोई इस ख़ामोशी को Poems