ख़ामोशी, एक दिल की ज़ुबा है.... ख़ामोशी, एक दिल की ज़ुबा है....
कोई अनकही सिहरन हो हो सकता है तुम एक किरण हो कोई अनकही सिहरन हो हो सकता है तुम एक किरण हो
आशा करता हुँ आप को मेरी पहली कविता पसंद आए। आशा करता हुँ आप को मेरी पहली कविता पसंद आए।
ये कविता महज़ एक आत्मा की उत्पत्ति है ये कविता महज़ एक आत्मा की उत्पत्ति है
हाँ इस लम्हे में बंध गया हूँ थम गयी है मन की इच्छाएं उन तमन्नाओं के लिए ही खामोश हूँ ..तू आएगी है मु... हाँ इस लम्हे में बंध गया हूँ थम गयी है मन की इच्छाएं उन तमन्नाओं के लिए ही खामोश...
गर न होते पेड़ जमीं पर कैसी होती धरती सारी प्रकृति का वजूद न होता हरियाली गुम हो जात गर न होते पेड़ जमीं पर कैसी होती धरती सारी प्रकृति का वजूद न होता हरिया...